अजय सिंह
हीरो हॉकी वर्ल्ड लीग के नतीजों पर नज़र डालें तो कुछ चौंकानें वाली बातें सामने आती हैं । इस खेल प्रतियोगिता में ६टा स्थान पाकर, भारत ने २६० अंक अर्जित किए - जिन्हें पहले के १४३५ में जोड़ें - और वर्ल्ड रैकिंग में ७वे स्थान पर जा पहुंचा । ऐसा करने में उन्हें ७ साल लगे - इससे पहल २००७ में भारत वर्ल्ड रैकिंग में ७वे स्थान पर था ।
हीरो हॉकी वर्ल्ड लीग प्रतियोगिता का आगाज़ भारत ने अपने पहले दोनों मैच हार कर किया । लेकिन अपने ३ और आखरी लीग मैच में ओलिंपिक स्वर्णपदक विजेता और वर्ल्ड नम्बर १ जर्मनी के साथ ड्रॉ कर, सबको चौंकाते हुए क्वाटर फाइनल में प्रवेश किया । क्वाटर फाइनल में वर्ल्ड चैम्पीअन ऑस्ट्रेल्य टीम के खिलाफ जिस तरह भारत ने मैच की शुरुआत की तो लगा कि कुछ उलट-पुलट होने वाला है - पहले २५वें मिनट तक २-० से बढ़त बनाए, आखिरकार भारत २-८ से हार कर पदक की दौड़ से बाहर हो गया ।
Indian Hockey team for Hero Hockey World League final, 2014 in Delhi (Photo Credit: thefansofhockey) |
हीरो हॉकी वर्ल्ड लीग के नतीजों पर नज़र डालें तो कुछ चौंकानें वाली बातें सामने आती हैं । इस खेल प्रतियोगिता में ६टा स्थान पाकर, भारत ने २६० अंक अर्जित किए - जिन्हें पहले के १४३५ में जोड़ें - और वर्ल्ड रैकिंग में ७वे स्थान पर जा पहुंचा । ऐसा करने में उन्हें ७ साल लगे - इससे पहल २००७ में भारत वर्ल्ड रैकिंग में ७वे स्थान पर था ।
हीरो हॉकी वर्ल्ड लीग प्रतियोगिता का आगाज़ भारत ने अपने पहले दोनों मैच हार कर किया । लेकिन अपने ३ और आखरी लीग मैच में ओलिंपिक स्वर्णपदक विजेता और वर्ल्ड नम्बर १ जर्मनी के साथ ड्रॉ कर, सबको चौंकाते हुए क्वाटर फाइनल में प्रवेश किया । क्वाटर फाइनल में वर्ल्ड चैम्पीअन ऑस्ट्रेल्य टीम के खिलाफ जिस तरह भारत ने मैच की शुरुआत की तो लगा कि कुछ उलट-पुलट होने वाला है - पहले २५वें मिनट तक २-० से बढ़त बनाए, आखिरकार भारत २-८ से हार कर पदक की दौड़ से बाहर हो गया ।
लेकिन प्रतियोगिता में अपनी रैकिंग बेहतर करने की चुनौती अभी बाकी थी । ६-८ स्थान के लिए एक बार फिर जर्मनी सामने था - और ५-४ से मैच जीतकर भारत फिर उभर कर सामने आया । फिर ५-६ स्थान के लिए बेल्जम से मुकाबला था - जिसनें आखरी ३ मिनटों में २ गोल मार भारत को हरा दिया । रश्रा-पंक्ति का आखरी क्षणों में कमज़ोर रहना भारत को भारी पड़ा और लीग में ६टे स्थान से ही संतोश करना पड़ा ।
सोचने वाली बात ये है कि यह बदलाव कैसे आया - एक ऑस्ट्रेल्यन कोच या की आए.पी.ल. पर आधारित शुरु हुआ हीरो इन्डिया लीग (एच.आए.ल.) ? शुरुआत में एच.आए.ल. का विरोध हुआ था - इस विचार से कि यह खेल में व्यापिकरण लाएगा । लेकिन सच तो यह भी है कि आए.पी.ल. की तरह एच.आए.ल. ने भी युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को एक मंच प्रदान किया है - जहाँ वह अंतरराष्ट्रीय सत्र पर देश-विदेश के खिलाड़ियों के साथ खेलकर अपनी तकनीक निखार सकते हैं और अनुभव बाँट सकते हैं ।
यह साल भारतीय हॉकी के लिए महत्वपूर्ण है क्यूंकि मई में हॉकी वर्ल्ड कप के बाद राष्ट्रमंडल खेलों के साथ एशियन गेम्स भी होने वाले हैं, जिनकी तैयारी के चलते भारत अज़लन शाह हॉकी टुर्नमन्ट में हिस्सा नहीं ले पाएगा । आशा करते हैं सभी तैयारियाँ रंग लाएँ, और बेहतरपरिणाम सामने आएँ ।
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