By: वर्षा रानी
दियोटसिद्ध के बारे में तो सभी लोग जानते ही हैं लेकिन ईस जगह के बारे मे बहुत कम लोग जानते हैं, और यह मंदिर काफी प्राचीन है अभी कुछ समय पहले ही फिर से जीर्णोद्धार किया गया है| जंगल के एकदम बीच में स्थित इस मंदिर तक भोटा वाई पास के थोड़ा सा ऊपर से पहुंचा जा सकता है साईनवोर्ड लगे हुये हैं|
इस मंदिर और जगह के बारे में कहा जाता है कि जब बाबा तपस्या के लिये जगह जगह घूम रहे थे और गोरखनाथ जी से बचकर अपनी तपस्या में लीन हो रहे थे उस बक्त बालक नाथ जी इस जगह में ठहरे थे व उन्होंने कई दिनों तक तपस्या की थी, सामने देखने पर नज़ारा एकदम शाहतलाई की तरह दिखता है |
ऐसे कई वाक्य हुये हैं जिनके कारण भक्तों के अपने आराध्य देवता के प्रति काफी आस्था बनी हुई है| झंडे का रिडा - झंडा मतलव ध्वज और रिडा पहाडी बोली में उच्ची चोटी या पहाड को करते हैं|
यूं तो सारे हिमाचल मे बाबा बालक नाथ जी के मंदिर हैं पर हमीरपुर के भोटा के पास जंगल के बीचों-बीच एक खास मंदिर के बारे में मैं आज आपको अवगत करवाने वाली हूँ| बाबा बालक नाथ हिमाचल के कई परिवारों के अराध्य एवं कुल देवता हैं |
इस मंदिर और जगह के बारे में कहा जाता है कि जब बाबा तपस्या के लिये जगह जगह घूम रहे थे और गोरखनाथ जी से बचकर अपनी तपस्या में लीन हो रहे थे उस बक्त बालक नाथ जी इस जगह में ठहरे थे व उन्होंने कई दिनों तक तपस्या की थी, सामने देखने पर नज़ारा एकदम शाहतलाई की तरह दिखता है |
पास के कई गांवों के लोग इस मंदिर के प्रति अटूट आस्था रखते हैं जिसके बारे मे चमत्कार जैसी चीजें सुनने को मिल जाती है| इस मंदिर में भी महिलाओं का गुफा के पास पहुंचने पर पाबंदी है|
ऐसे कई वाक्य हुये हैं जिनके कारण भक्तों के अपने आराध्य देवता के प्रति काफी आस्था बनी हुई है| झंडे का रिडा - झंडा मतलव ध्वज और रिडा पहाडी बोली में उच्ची चोटी या पहाड को करते हैं|
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