by: Swati Thakur
विश्वविद्यालय में पढ़ना हर विद्यार्थी का सपना होता है। विश्वविद्यालय में विद्यार्थी को उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त होती है। प्रत्येक विद्यार्थी का सपना होता है की वे विश्वविद्यालय में पढ़ कर अच्छी शिक्षा प्राप्त करे। ऐसी ही बात है धर्मशाला स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय की। यह विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा के धर्मशाला में स्थित है। धर्मशाला का मौसम आकर्षण का केंद्र है। स्वच्छ वातावरण में हर विद्यार्थी पढ़ना चाहता है। "शांत जगह पढ़ने के लिए अच्छी मानी जाती है।" इसलिए अन्य राज्यों के छात्र यहां पढ़ने के लिए उत्सुक होते हैं। वे दूर-दूर से यहां आकर इस इच्छा के साथ प्रवेश लेते हैं कि स्वच्छ वातावरण के साथ-साथ उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा मूलभूत सुविधाएं भी दी जाएंगी।
केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षा के लिए अच्छा माना जाता है । यहां छात्रों को उच्च स्तर शिक्षा दी जाती है। यहां प्रवेश शुल्क भी अन्य विश्वविद्यालयों के मुकाबले बहुत कम है। यही कारण है कि यहां देश की कई राज्यों से छात्र पढ़ने आते हैं। बच्चे कई आकांक्षाओं के साथ आते है और उन्हें कुछ मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है। केंद्रीय विवि पढ़ने आए छात्र हॉस्टल, कैंपस, कैंटीन, वाई-फाई, ऑडिटोरियम, एलसीडी प्रोजेक्टर और लाइब्रेरी में सीमित किताबें आदि जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं होती है तो पढ़ने में परेशानी होती है।
केंद्रीय विवि में जब नए सत्र के छात्र प्रवेश लेते हैं तो वे मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहते हैं, तो उनके हाथ निराशा लगती है। विवि छात्रों से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि वे छात्र यूपी,बिहार, झारखंड, पंजाब, दिल्ली से यहां पढ़ने आए हैं। "उमंग अरोड़ा, जो पंजाब से पढ़ने के लिए यहां आयी हैं, कहना है कि लाइब्रेरी में केवल सीमित किताबें हैं। जिसके कारण कई किताबें बाहर की दुकान से खरीदनी पड़ती है।" वहीं झारखंड से आए अजय का कहना था, “हॉस्टल न मिलने के कारण उन्हें शुरुआत में काफ़ी दिक़्क़त आई।“ कई छात्रों का कहना है कि परिवहन व्यवस्था की कमी होने के कारण छात्र समय पर क्लास नहीं जा पाते हैं। इतना ही नहीं केन्द्रीय विवि धर्मशाला के कैंपस में एक भी कैंटीन नहीं है जिसके कारण छात्रों को सारा दिन भूखा भी रहना पड़ता है।
ब्वॉयज़ हॉस्टल में रहने वाले हर्षल ठाकुर का कहना है कि ब्वॉयज़ हॉस्टल कैंपस से 15 किलोमिटर की दूरी पर है, जिसके कारण काफ़ी असुविधा होती है। पीजी स्तर पर छात्रों को एलीसीडी प्रोजेक्ट से पढ़ाने की ज़रूरत पड़ती है, क्लास-रूम में प्रोजेक्टर अच्छे से काम नहीं करते। "सुजाता गौतम जो दिल्ली से आई है उन्होंने बताया की कैंपस में एकमात्र पीने के पानी का कूल्लर लगा है, कभी बिजली न होने के कारण पानी नहीं आता और वह भी शौचालय के साथ लगा हुआ है।" कैंपस में छात्रों को बैठने के लिए उच्च प्रबंध नहीं है। केन्द्रीय विवि के धर्मशाला कैंपस में आडिटोरियम की भी सुविधा नहीं है।
इतनी असुविधाओं होने के बाद भी दूर-दूर से आए छात्र यहां मन लगाकर पढ़ते हैं। कम संसाधनों के बाद भी यहां पढ़ने वाले छात्र शिक्षकों के द्वारा काफ़ी कुछ सीखते हैं। बच्चे यहां मन लगाकर पढ़ते हैं।
विश्वविद्यालय में पढ़ना हर विद्यार्थी का सपना होता है। विश्वविद्यालय में विद्यार्थी को उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त होती है। प्रत्येक विद्यार्थी का सपना होता है की वे विश्वविद्यालय में पढ़ कर अच्छी शिक्षा प्राप्त करे। ऐसी ही बात है धर्मशाला स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय की। यह विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा के धर्मशाला में स्थित है। धर्मशाला का मौसम आकर्षण का केंद्र है। स्वच्छ वातावरण में हर विद्यार्थी पढ़ना चाहता है। "शांत जगह पढ़ने के लिए अच्छी मानी जाती है।" इसलिए अन्य राज्यों के छात्र यहां पढ़ने के लिए उत्सुक होते हैं। वे दूर-दूर से यहां आकर इस इच्छा के साथ प्रवेश लेते हैं कि स्वच्छ वातावरण के साथ-साथ उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा मूलभूत सुविधाएं भी दी जाएंगी।
केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षा के लिए अच्छा माना जाता है । यहां छात्रों को उच्च स्तर शिक्षा दी जाती है। यहां प्रवेश शुल्क भी अन्य विश्वविद्यालयों के मुकाबले बहुत कम है। यही कारण है कि यहां देश की कई राज्यों से छात्र पढ़ने आते हैं। बच्चे कई आकांक्षाओं के साथ आते है और उन्हें कुछ मुश्किलों का सामना भी करना पड़ता है। केंद्रीय विवि पढ़ने आए छात्र हॉस्टल, कैंपस, कैंटीन, वाई-फाई, ऑडिटोरियम, एलसीडी प्रोजेक्टर और लाइब्रेरी में सीमित किताबें आदि जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं होती है तो पढ़ने में परेशानी होती है।
केंद्रीय विवि में जब नए सत्र के छात्र प्रवेश लेते हैं तो वे मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहते हैं, तो उनके हाथ निराशा लगती है। विवि छात्रों से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि वे छात्र यूपी,बिहार, झारखंड, पंजाब, दिल्ली से यहां पढ़ने आए हैं। "उमंग अरोड़ा, जो पंजाब से पढ़ने के लिए यहां आयी हैं, कहना है कि लाइब्रेरी में केवल सीमित किताबें हैं। जिसके कारण कई किताबें बाहर की दुकान से खरीदनी पड़ती है।" वहीं झारखंड से आए अजय का कहना था, “हॉस्टल न मिलने के कारण उन्हें शुरुआत में काफ़ी दिक़्क़त आई।“ कई छात्रों का कहना है कि परिवहन व्यवस्था की कमी होने के कारण छात्र समय पर क्लास नहीं जा पाते हैं। इतना ही नहीं केन्द्रीय विवि धर्मशाला के कैंपस में एक भी कैंटीन नहीं है जिसके कारण छात्रों को सारा दिन भूखा भी रहना पड़ता है।
ब्वॉयज़ हॉस्टल में रहने वाले हर्षल ठाकुर का कहना है कि ब्वॉयज़ हॉस्टल कैंपस से 15 किलोमिटर की दूरी पर है, जिसके कारण काफ़ी असुविधा होती है। पीजी स्तर पर छात्रों को एलीसीडी प्रोजेक्ट से पढ़ाने की ज़रूरत पड़ती है, क्लास-रूम में प्रोजेक्टर अच्छे से काम नहीं करते। "सुजाता गौतम जो दिल्ली से आई है उन्होंने बताया की कैंपस में एकमात्र पीने के पानी का कूल्लर लगा है, कभी बिजली न होने के कारण पानी नहीं आता और वह भी शौचालय के साथ लगा हुआ है।" कैंपस में छात्रों को बैठने के लिए उच्च प्रबंध नहीं है। केन्द्रीय विवि के धर्मशाला कैंपस में आडिटोरियम की भी सुविधा नहीं है।
इतनी असुविधाओं होने के बाद भी दूर-दूर से आए छात्र यहां मन लगाकर पढ़ते हैं। कम संसाधनों के बाद भी यहां पढ़ने वाले छात्र शिक्षकों के द्वारा काफ़ी कुछ सीखते हैं। बच्चे यहां मन लगाकर पढ़ते हैं।
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